April 27, 2024

Election

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और मतदान 25 नवंबर को होना है। लेकिन अब राजनीतिक पार्टियां पूरे तरह से चुनाव प्रचार में जुटने वाली है। इसी कड़ी में प्रचार के लिए अब एक बार फिर से पीएम मोदी राजस्थान का रूख करने जा रहे है। बता दें की भाजपा ने 40 स्टा प्रचारकों की सूची जारी की है जिसमें पीएम पहले नंबर पर है।

बता दें की पीएम मोदी विधानसभा चुनाव से पहले कल यानी के 9 नवंबर को राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं। इस दिन मोदी उदयपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की सभा की तैयारी जोरो शोरो सेे चल रही है।

बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को शाम 4 बजे उदयपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे। राजस्थान में आचार संहिता लगने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला दौरा होगा।
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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होगी, लेकिन उसके पहले चुनावी माहौल बन चुका है। राजनीतिक पार्टियों की तरफ से प्रचार प्रसार के साथ ही लगातार बयानबाजी का दौर भी जारी है। इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने भी भाजपा पर निशाना साधा और बड़ा बयान भी दिया।

मीडिया रिपोटर्स की माने तो सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जो सात गारंटी दी हैं, उसपर पार्टी को जीत मिलेगी। बीजेपी द्वारा उनके बेटे पर लगाए जा रहे आरोपों पर गहलोत ने कहा कि आरोप लगाना एक बात है, लेकिन भ्रष्टाचार से जुड़ी एक चीज साबित करके दिखाएं।

उन्होंने कहा की राजस्थान में बीजेपी चुनाव पीएम मोदी के चेहरे को आगे लेकर लड़ रही है। ये प्रदेश के साथ मजाक हो रहा है। उन्होंने कहा काम तो यहां स्टेट लीडरशिप को करना है। लेकिन बीजेपी प्रधानमंत्री का चेहरा बताकर जनता को भ्रमित कर रही है।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा चुनावों की तारीख जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे ही राजनीतिक महौल गर्माता जा रहा है। इस बीच में सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बहस की चुनौती दे डाली है। सीएम ने कांग्रेस की सात गारंटियों को लेकर वसुंधरा राजे को चुनौती दी है।

मीडिया रिपोटर्स की माने तो अशोक गहलोेत ने कहा की मैं विपक्षी दल की नेता वसुंधरा राजे को चुनौती देता हूं। दरअसल, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधा था। कांग्रेस की 7 गारंटियों की आलोचना की थी। इसके जवाब में सीएम गहलोत ने वसुंधरा राजे को बहस के लिए चुनौती दी है।

बता दें की वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया था और लिखा था, आश्चर्य होता है जिसकी खुद की वारंटी नहीं, वह कांग्रेस अब लोगों को गारंटी देने लगी है! जनता मूर्ख नहीं है, जो कांग्रेस की झूठी गारंटी में आ जाए। गहलोत जी जाते-जाते राहत का ऐसा जादुई पिटारा खोल रहे हैं, जिसमें दिखावे के अलावा कुछ नहीं है। इसी के जवाब में गहलोत ने वसुंधरा राजे को बहस की चुनौती दी है।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने का दौर जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राजसमंद में भाजपा प्रत्याशी दीप्ती माहेश्वरी ने भी नामांकन दाखिल किया। इस दौरान भाजपा के स्टार प्रचारक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने राजसमंद में भाजपा प्रत्याशी दीप्ती माहेश्वरी की नामांकन सभा को भी संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। राजनाथ ने कहा जनता का नेताओं पर भरोसा खत्म हो रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्यों नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। विश्वास पर आए इस संकट को कांग्रेस ने और गहरा किया है।

बता दें की राजनाथ सिंह यहीं नहीं रूके, उन्होंने, महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा। राजनाथ सिंह ने कहा- राजस्थान में सांप्रदायिक तत्व तांडव मचा रहे हैं, और आप सो रहे हैं।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होगी और इसके पहले उम्मीदवारों के नामों की घोषणा लगातार हो रही है। ऐसे में सवाई माधोपुर सीट से भाजपा ने पहली ही सूची में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन बीच में खबरें ये भी है की किरोड़ी लाल मीणा और भी टिकट चाहते थे लेकिन उनकी पसंद को पार्टी ने नदारद कर दिया।

बीजेपी ने अपनी पांच सूचियों में किरोड़ी लाल मीणा को पूरी तरह दरकिनार किया है। इसको लेकर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है की किरोड़ी लाल अपने समर्थक नेताओं को टिकट दिलवाना चाहते थे लेकिन वो पूरी तरह विफल रहे हैं। यहां तक की किरोड़ी लाल अपनी पत्नी गोलमा देवी को भी टिकट नहीं दिला सके।

राजस्थान में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा को दरकिनार किया है। इतना ही नहीं उम्मीदवारों की सूची में वसुंधरा राजे के भी कई समर्थक नेताओं के टिकट काटे गए हैं। ठीक ऐसे ही, किरोड़ी लाल मीणा के केवल एक समर्थक नेता राजेंद्र मीणा को टिकट दिया गया है जो उनके भतीजे हैं।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती कुछ खास प्लॉन के साथ में काम कर रही है ताकी पार्टी को इन चुनावों में फायदा मिल सके। ऐसे में मायावती ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अब बाकी बचे दिनों में मायावती चुनाव प्रचार में जुटने वाली है।

बता दें की बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान ही नहीं मध्य प्रदेश में भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में अब मायावती दोनों ही प्रदेशा में चुनावी सभाओं को संबोधित भी करेगी। मीडिया रिपोटर्स की माने तो मायावती 9 जनसभाएं करेंगी।

इन रैलियों के जरिए बसपा की कोशिश होगी कि वह एमपी और राजस्थान में साल 2018 के मुकाबले इस बार ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करे। बता दें की मायावती एमपी के साथ साथ राजस्थान में भी चुनाव प्रचार के लिए रैलिया करेगी।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजधानी जयपुर से नामांकन के चौथे दिन 17 उम्मीदवारों ने 25 नामांकन दाखिल किए हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी नीलिमा तक्षक ने इस बात की जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि विगत चार दिनों में जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में 28 प्रत्याशियों ने कुल 39 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से अब तक सर्वाधिक 6 प्रत्याशियों ने 7 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। वहीं शाहपुरा, चौमूं, हवामहल, सिविल लाइन्स एवं चाकसू विधानसभा क्षेत्र में अभी तक एक भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है।

उन्होंने बताया कि दूदू से कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल नागर, आमेर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सतीश पूनिया, मालवीय नगर से कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा, जमवारामगढ़ सुमन मीणा ने नामांकन दाखिल किया है।

इनके अलावा गुरुवार को कोटपूतली से मुकेश गोयल, हंसराज, विराटनगर से टीना यादव, भीमसहन गुर्जर अपना नामांकन पत्र जमा करवाया। किशनपोल से मनोहर लाल, आदर्श नगर विधानसभा से मोहम्मद नदीम, सांगानेर से निशांत माथुर, हरी नारायण मीणा, महेशचंद सैनी और शशांक ने नामांकन किया।

PC:bhaskar

The Congress on Wednesday filed complaints with the Election Commission against the Bharatiya Janata Party leaders Amit Shah and Himanta Biswa Sarma, alleging that they violated the Model Code of Conduct in their speeches ahead of the Assembly polls next month.

A delegation of senior Congress leaders met Chief Election Commissioner Rajiv Kumar and presented a total of eight complaints to him. Two of the complaints pertain to Shah and Sarma’s speeches in Chhattisgarh.

In his speech on October 16, Shah had referred to the killing of a man named Bhuneshwar Sahu during communal violence in April. “To appease and protect their vote-bank, this Bhupesh Baghel government killed Chhattisgarh’s son, Bhuneshwar Sahu,” Shah had said, according to The Hindu.

The BJP has fielded Sahu’s father Ishwar Sahu as a candidate in the Chhattisgarh election.

On October 16, Congress MP Jairam Ramesh had said that Shah’s claims were false and were aimed at inciting communal violence. He said that the state government had taken prompt action and arrested the accused.

In the complaint against Sarma, the Congress referred to the Assam chief minister’s comments at a rally in Chhattisgarh’s Kawardha district on October 18. It said that he had a “clear cut intention to incite sections of society against one another”.

“If one Akbar comes to some place, he calls…

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में चुनावों की तारीख का ऐलान हो चुका है और उसके साथ ही भाजपा की पहली लिस्ट सामने आने के बाद दूसरी लिस्ट को लेकर दिल्ली में बड़ी बैठक आयोजित हुई है। बताया जा रहा है की मंगलवार को जेपी नड्डा और शाह की मौजूदीगी में ये बैठक चली। बैठक में शेष उम्मीदवारों के नाम तय करने की कवायद के तहत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत राज्य के कई नेता भी मौजूद रहे।

मीडिया रिपेार्ट्स की माने तो करीब छह घंटे तक चली बैठक में राजे के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहें।

भाजपा ने 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के चुनाव के लिए सात सांसदों समेत 41 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान पहले कर दिया है। वहीं बाकी बचे 159 नामों के लिए लिए मंथन चला है। बताया जा रहा है की इस लिस्ट में कई सांसदों को टिकट दिया जा सकता है।

pc- navbharat

इंटरनेट डेस्क। विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा राजस्थान में परिवर्तन यात्रा निकालने जा रही है। यात्राओं का रूट फाइनल हो चुका है और इसकी शुरूआत 2 सितंबर से होगी। बता दें की भाजपा राजस्थान में किसी भी एक नेता के नेतृत्व में यह यात्रा नहीं निकाल रही है। यानी के इस यात्रा के पहले जो अनुमान थे वो भी केंद्रीय नेतृत्व में धूमिल कर दिए है।

पहले यह माना जा रहा था की प्रदेश स्तर के बड़े नेता के नेतृत्व में ये यात्रा निकाली जाएगी लेकिन अब यह नहीं होगा। ऐसे में पूर्व सीएम राजे को फिर से एक बार झटका लगा है। बता दें की राजस्थान में भाजपा ने सीएम फेस के लिए किसी को आगे नहीं किया है। मीडिया रिपोटर्स की माने तो इस यात्रा का कोई चेहरा नहीं होगा। सभी यात्राओं में प्रदेश के प्रमुख और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

चारों दिशाओं से निकलने वाली ये यात्राएं प्रदेश की कुल 200 विधानसभा सीटों को कवर करेंगी। यात्राओं की शुरुआत 2 सितम्बर को पूर्व में त्रिनेत्र गणेश मंदिर सवाईमाधोपुर से होगी। इसका शुभारंभ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। 3 सितम्बर को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से दूसरी परिवर्तन यात्रा को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह रवाना करेंगे। वहीं 4 सितम्बर को जैसलमेर के रामदेवरा से तीसरी परिवर्तन यात्रा को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रवाना करेंगे। बीजेपी की चौथी परिवर्तन यात्रा उत्तर में गोगामेड़ी मंदिर हनुमानगढ़ से 5 सितम्बर को शुरू होगी। इसको केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रवाना करेंगे।

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Maharashtra’s political drama has been unfolding since November 2019 with the splintering of parties, the swearing-in of various chief ministers and deputy chief ministers and political grandstanding.

In a pattern that is now becoming all too familiar, the ruling Bharatiya Janata Party on Sunday engineered a split in the Nationalist Congress Party. The rebellion in the Nationalist Congress Party was led by Ajit Pawar, the nephew of party supremo Sharad Pawar and a man the BJP had vowed to send to jail over an alleged multi-crore irrigation scam.

Only last June, the BJP helped splinter the Shiv Sena to bring down the three-party Maha Vikas Aghadi government headed by Uddhav Thackeray. Weeks later, Shiv Sena Thane strongman Eknath Shinde was sworn in as chief minister with the BJP’s Devendra Fadnavis as his deputy. On Sunday, Ajit Pawar was sworn in as a second deputy chief minister.

Loksatta Editor Girish Kuber put things in perspective in an interview with Scroll: “The BJP is singularly focused on [next year’s] parliamentary elections.” He noted that between the BJP and the Eknath Shinde faction of the Shiv Sena, the government did not need Ajit Pawar and his MLAs to bring it stability. “This move is like a preemptive strike for the parliamentary…

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब पांच महीने का समय बचा है और इस बीच राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सीएम गहलोत और पायलट के विवाद का हल ढूंढ़ने की पूरी कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी ने अमेरिका जाने से पूर्व दिल्ली में बैठक कर गहलोत और पायलट के साथ वार्ता की थी। जिसके बाद मामला थोड़ा शांत था।

अब राहुल गांधी अमेरिका से लौट आए है और ऐसे में एक बार फिर दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस का विवाद सुलझाने की कोशिश की जाएगी। माना जा रहा है की 22 जून को दिल्ली में एक बड़ी बैठक हो सकती है और इस बैठक में कांग्रेस के बड़े नेता मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है की पार्टी अध्यक्ष खरगे, वेणुगोपाल और राहुल गांधी इस बैठक में रहेंगे।

साथ ही सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी इस बैठक में हिस्सा ले सकते है। इन दोनों को साथ में लेकर ही कांग्रेस आलाकमान चर्चा कर सकता है। आलाकमान चुनावों से पहले इन दोनों को साथ में बैठाकर सुलह का फार्मूला निकालने की तैयारी में है।

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इंटरनेट डेस्क। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजस्थान में चुनावों से पहले यहा के नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने भाजपा, कांग्रेस और आरएलपी के नेताओं के लिए भी बात की। पूर्व राज्यपाल सत्यापल मलिक ने कहा कि वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी का काम नहीं चलेगा, फिर भी पार्टी उन्हें आगे नहीं करेंगी।

वहीं, उन्होंने आगे बात करते हुए कहा ही कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप सीएम सचिन पायलट की लड़ाई निजी लड़ाई है, इसपर बोलना ठीक नहीं होगा, लेकिन अब दोनों को विवाद निपटा लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने खुद के बारे में भी कहा की वो किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।

वहीं हरियाणा पंजाब में किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं इस पर भी उन्होंनें कहा की सरकार की नियत ही नहीं है। एमएसपी का मुद्दा सुलझाने की क्योंकि एमएसपी क्लियर करने से अडानी को नुकसान हो जाएगा।

pc aaj tak

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अभी कुछ समय बाकी है, लेकिन आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसी बीच राजस्थान के खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है। साथ ही केजरीवाल को झूठ का जनरेटर और नकलची करार दिया है।

खाचरियावास ने इस मौके पर कहा की देश में तीन-चार झूठ के जनरेटर हैं, केजरीवाल उनमें से एक हैं। आपको बता दें की एक दिन पूर्व ही केजरीवाल गंगानगर में एक सभा को संबोधित करके गए है। जहां उन्होंने गहलोत और भाजपा को निशाने पर लिया था। इसके बाद खाचरियावास ने उन पर निशाना साधा है।

खाचरियावास ने कहा केजरीवाल ने लोकपाल के नाम पर लोगों को गुमराह किया। क्रांति की बातें करने वाले केजरीवाल ने 50 करोड़ का बंगला तैयार करवा लिया। जनता इसपर जवाब मांगेगी। खाचरियावास ने कहा जो नेता 50 साल से पॉलिटिक्स में है, तीसरी बार चीफ मिनिस्टर हैं उनके लिए केजरीवाल जिस तरह की भाषा बोलते हैं वह शोभा नहीं देती है।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी 5 महीने का समय है और उसके पहले मोदी अपने कैबिनेट में फेरबदल करने की पूरी तैयारी में है। इस फेरबदल के कई मायने है इनमें पहला ये की मोदी अपनी कैबिनेट में राजस्थान को महत्व देने जा रहे और वो कई सांसदों को मंत्री बना सकते है। जिससे की वो चुनावों में जातिय समीकरण को साध सकें और पार्टी को उसका फायदा हो सके।

वैसे मीडिया रिपोर्ट की माने तो कुछ लोकसभा और एक से दो राज्यसभा सांसदों को भी इसमें मौका मिल सकता है। खबरों की माने तो इसमें राजपूत, जाट, ब्राह्मण, आदिवासी, दलित चेहरों को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोटर्स की माने तो इस महीने के अंत तक ये फैसला हो जाएगा।

दलित और आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए दौसा की सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा के नाम की चर्चा है। इनमें से किसी एक को जगह मिलना तय है। वहीं ब्राह्मण वोटर्स को साधने के लिए राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी का भी नंबर लग सकता है। राजपूत और महिला वोटर्स के लिए सांसद दीया कुमारी को मौका दिया जा सकता है। जाट वोटर्स के लिए भागीरथ चौधरी और सुमेधानंद सरस्वती को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अभी पांच महीने का समय बचा है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत है की तैयारियों में अभी से ही लगे हुए है। उन्होंने यूथ कांग्रेस की बैठक में इस बार चुनाव से दो महीने पहले कांग्रेस के टिकट तय करवाने की पैरवी की है। इस बैठक मे बात करते हुए गहलोत ने यह भी माना है कि कई मौजूदा विधायक चुनाव भी हार रहे हैं।

उन्होंने कहा की हमारे कुछ एमएलए खुद ही कहते हैं कि मैं नहींं जीत पा रहा हूं। हम उनको पूछेंगे कि आप किसे मौका देना चाहते हो। सीएम गहलोत ने कहा दिल्ली में लंबी बैठकों का सिस्टम बंद होना चाहिए। दो महीने पहले टिकट फाइनल कर दें, जिसे टिकट मिलना है, उसे इशारा कर दें। वो लोग काम में लग जाएं।

इस मौके पर सीएम गहलोत ने कहा यूथ कांग्रेस के नेताओं को चाहिए कि अभी से प्रयास शुरू कर दें। हमने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी कहा है, दो महीने पहले टिकट तय हो जाएं। जिन्हें टिकट मिलना है वह दो महीने पहले ही तय हो जाएं।

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इंटरनेट डेस्क। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव है और इन चुनावों में आम आदमी पार्टी भी उतरने जा रही है। ऐसे में आप के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप भी लगाया है और बड़ा ऑफर भी दिया है। उन्होंने कहा कांग्रेस उनके मेनिफेस्टो और आइडिया को चुरा रही है। साथ ही उन्होंने ऑफर दिया की कांग्रेस अगर पंजाब और दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ती है तो आम आदमी पार्टी भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में इलेक्शन नहीं लड़ेगी।

वहीं मीडिया ने जब सौरभ भारद्वाज से पूछा कि कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, वहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी। अगर दोनों पार्टियां एक-दूसरे के वोट काटेंगी, तो एक साथ आने का क्या मतलब है। इसके बार सौरभ ने कहा की 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीरो सीट आई थी। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस यहां से चुनाव लड़ती है।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ये कह दे कि वह पंजाब और दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेगी, तो हम भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी में न सिर्फ लीडरशिप का क्राइसिस है, बल्कि आइडिया का भी क्राइसिस है। कांग्रेस का लोगों से जुडाव खत्म हो गया है।

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The responsibility of a Chief Election Commissioner is not only to run the electoral process efficiently but also to identify and implement ways and means by which the electoral process would improve. In fact, one aspect of the responsibility cannot be separated from the other and therefore in everything I did as the CEC, there was always a lookout for opportunities to reform. And, of course, I believed in doing my work efficiently and with favour to none.

As I have indicated earlier, it started with setting the environment within the commission in proper order while improving on the efficiency and discipline. And then came the symbols cases and the related processes. Though these were handled according to law, the situation did improvise as we went along, be it through case laws or through managing the symbols better. The election process itself provided many opportunities, and much of the early improvements were focussed on better implementation of the laws.

I also took special steps, exclusively focussed at reforming the process. The first year, 1991, gave me ample opportunities to study the loopholes in the system in detail. It was not that this insight was not already available with the commission, but a comprehensive…

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है और इस चुनाव में भाजपा को राजस्थान में पार्टी के लिए कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में एक बार फिर से वसुंधरा राजे को आलाकमान फ्रंट पर लाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में एक बार फिर से पार्टी ने राजे को नई जिम्मेदारी देकर आगे लाने की कोशिश की है।

आपको बता दें की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें झारखंड में तैनात किया है। नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर देश भर में भाजपा के अभियान के तहत वसुंधरा राजे ने झारखंड के गोड्डा में एक रैली को संबोधित किया है। वैसे आपको बता दें की वसुंधरा राजे को झारखंड के गिरिडीह, दुमका, गोड्डा और कोडरमा लोकसभा क्षेत्रों का जिम्मा सौंपा गया है। लेकिन इससे पूर्व पार्टी ने राजे को देश भर में हुए दर्जनों विधानसभा चुनावों के साथ-साथ उपचुनावों में भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया था।

लेकिन अब जैसे-जैसे राजस्थान में चुनाव नजदीक आ रहा है, भाजपा नेतृत्व राजे के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दें की बतौर नेता उनका राजस्थान में काफी प्रभाव भी माना जाता है। ऐसे में अब पार्टी को राजस्थान में चुनाव जीतना है तो एक बार फिर से वसुंधरा राजे को ही आगे लाना होगा।

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इंटरनेट डेस्क। 2024 के लोकसभा चुनावों में अभी पूरा एक साल बचा है, लेकिन भाजपा ने अभी से ही पूरी तैयारी शुरू कर दी है। इस तैयारी के बीच ही राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी झारखंड के दौरे पर रही है। राजे ने झारखंड में मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल का लेखा जोखा लोगों को बताया और सरकार की योजनाए बताई।

इस मौके पर वसुंधरा राजे ने कहा है कि मोदी सरकार के 9 साल में हुए कामों को लोगों तक पहुंचाएं, उन्हें बताएं कि मोदी है तो मुश्किल नहीं और कांग्रेस है तो मुमकिन नहीं। आपको बता दें की राजे ने झारखंड के दुमका में लोकसभा क्षेत्र के कैरावनी कस्बे में पार्टी के महाजन संपर्क अभियान को संबोधित किया।

इससे पहले वसुंधरा राजे ने देवघर में एक प्रेस वार्ता भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की है। आज शांति और समृद्धि की खबरें मन खुश करती है पहले अखबारों में हेडलाइन बम बलास्ट और हमलों की होती थी। इस समय बड़े-बड़े देश में पीएम मोदी की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। उनकी सोच है कि रोजगार मांगने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनो। इस मौके पर राजे ने कहा की इन 9 वर्षों में पीएम मोदी की छवि ग्लोबल लीडर के रूप में मजबूत हुई है।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक बार फिर से सचिन पायलट को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा सचिन पायलट का कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना का काम चल रहा है। निशाना गहलोत के ऊपर है और कंधा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर है। यह सिर्फ कुर्सी का संघर्ष है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सचिन पायलट 19 महीने डिप्टी सीएम रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस दौरान पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ कोई मांग नदहीं उठाई। तथ्य हैं, तो उनकों तब ही बोलना चाहिए था। हमने तो हाथ नहीं जोड़े थे। उनका कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना चल रहा है।

उन्होंने कहा की निशाना गहलोत के ऊपर है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कंधा यूज कर रहे हैं। उन्होंने जो संघर्ष यात्रा निकाली है नौजवानों के साथ जो वादे किए थे कि पीछे नहीं हटूंगा, उसके बाद भी वह दिल्ली में आला कमान के सामने चले गए। यह किस्सा और संघर्ष कुर्सी का है।

PC- TV9 BHARATVARSH

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भले ही पांच महीने का समय शेष बचा हो लेकिन पायलट और गहलोत के बीच सुलह के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है। आलाकमान के समझाने के बाद भी पायलट ने फिर से गहलोत पर निशाना साधा है। वहीं सीएम गहलोत ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पायलट की मांगों को मानने से इशारों में मना कर दिया।

सीएम अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ सचिन पायलट की एक्शन लेने की मांग पर कहा की वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई मामला पेंडिंग नहीं है। सीएम गहलोत ने कहा जहां तक वसुंधरा राजे के खिलाफ एक्शन का सवाल है तो मैं अभी भी तैयार हूं। हमने जो आरोप लगाए थे उसका मैं निस्तारण कर चुका हूं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में माइंस का एक बड़ा मुद्दा था वह सारी माइंस कैंसिल हो चुकी हैं।

वहीं गहलोत ने आगे बोलते हुए कहा- वसुंधरा राजे के खिलाफ एक मुद्दा बचता है और वह मुद्दा ईडी का है। मेरे हिसाब से बाकी कोई मुद्दा पेंडिंग नहीं है। कोई बताएगा तो कार्रवाई कर देंगे। वहीं सचिन पायलट मुद्दे पर गहलोत ने कहा एक बार हम बैठे हैं। अब उस पर कुछ भी बात करूं तो उसको अन्यथा लिया जाता है। इस टॉपिक को खत्म कर दीजिए। यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है।

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इंटरनेट डेस्क। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों की बिगुल फूंक दिया है। इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जिताने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को दी गई है, ऐसे में चुनावी आगाज भी प्रियंका गांधी ने ही किया है। चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के साथ ही उन्होंने अपने चुनावी संबोधन में जनता से कई बड़े वादे कर दिए है।

उन्होंने कहा की अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो 100 यूनिट मुफ्त बिजली, पुरानी पेंशन योजना की बहाली तक की बात कही। प्रियंका गांधी ने इस मौके पर युवाओं, महिलाओं, किसानों समेत अन्य तबकों को भी साधने की कोशिश की।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनती है तो लोगों को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी, इसके अलावा 200 यूनिट की खपत तक आधा शुल्क ही लिया जाएगा। प्रियंका गांधी ने महिलाओं से वादा किया कि रसोई गैस का सिलेंडर 500 रुपये में मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं से एक और वादा किया की अगर उनकी सरकार आती है तो महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिया जाएगा। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया।

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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही शांति आलाकमान की और से सुलह के फार्मूले के कारण है। हालांकि पायलट इसको लेकर खुश तो नहीं दिख रहे है, लेकिन कुछ कर भी नहीं रहे है। वो इंतजार में है की जल्द ही दिल्ली से कोई घोषणा हो जाए और उसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाए।

इधर कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जयपुर में मीडिया से कहा की अब कांग्रेस में सबकुछ बढ़िया है। मीडिया से बातचीत के दौरान रंधावा ने गहलोत और पायलट के बीच अब कोई भी मतभेद होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सारे नेता मिलकर चुनाव लडेंगे और कांग्रेस की सरकार बनेगी।

जब उनसे पूछा गया की चुनावों में पायलट को कोई जिम्मेदारी दी जाएगी तो रंधावा ने कहा कि नेताओं को कद के हिसाब से जिम्मेदारी दी जाएगी और सारे नेता इसे पूरा करने में जुटेंगे। पायलट के पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे तो ऐसी कोई जानकारी नहीं है। पायलट का न तो पहले पार्टी बनाने का मन था और ना ही अब है।

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इंटरेनट डेस्क। 2024 में लोकसभा चुनाव है और उस चुनाव की तैयारी में भाजपा अभी से ही जुट गई है। पार्टी का मिशन 2024 को भी फतह करना है। इसकों लेकर भाजपा के बड़े नेताओं की लगभग 10 घंटे तक लंबी चर्चा चली है। साथ ही इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने है उसको लेकर भी चर्चा की गई।

मीडिया रिपोटर्स की माने तो आने वाले चुनावों की तैयारी, संगठन को मजबूत करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष सहित कई बड़े नेताओं की बैठक हुई। पार्टी सूत्रों की माने तो चुनावों को लेकर मंथन किया गया है।

बताया जा रहा है ये मीटिंग रात में करीब चार घंटे और फिर सुबह करीब छह घंटे हुई। सूत्रों की माने तो चुनावों के साथ साथ बैठक में संगठन के खाली पदों को भरने पर भी चर्चा हुई। खबरें तो यह भी है चुनावों के मद्देनजर कुछ महत्वपूर्ण राज्यों के प्रदेश प्रभारी और कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जा सकते है।

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