April 27, 2024

Election

। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसा साल के अंत में विधानसभा चुनाव है और मौजूदा सरकारें किसी भी कीमत में चाहती है की वो एक बार फिर से रिपीट हो जाए। ऐसे में मुख्यमंत्रियों ने प्रदेश की जनता के लिए बड़े बड़े ऐलान कर दिए है और उसके साथ ही बड़ी बड़ी घोषणाए भी कर दी है।

ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी कहा पीछे रहने वाले है। उन्होंने भी एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने ब्राह्मण महाकुंभ के दौरान घोषणा की कि राज्य के पुजारियों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी ऐलान किया कि मध्य प्रदेश में मंदिरों की कोई जमीन कलेक्टर नीलाम नहीं करेगा।

साथ ही उन्होंने कहा की ब्राह्मण समाज के ऐसे छात्र जो पढ़ने में मेधावी हैं, उनके मेडिकल और इंजीनियरिंग की फीस सरकार देगी। इस दौरान ब्राह्मण समाज की मंदिरों का सर्वे करवाने की मांग को भी मुख्यमंत्री ने मान लिया।

pc- etv bharat

राजस्थान के विधानसभा चुनाव 5 महीने के बाद होने है, लेकिन उसके पहले ही भाजपा और कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर उठापटक चल रही है। कांग्रेस का तो तय माना जा रहा है की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन भाजपा का अभी तय नहीं हो पाया है।

लेकिन खबरों की माने तो सी वोटर्स की और से करवाए गए सर्वे में यह बात सामने आई है की भाजपा की और से अगर किसी को सीएम फेस घोषित किया जाता है तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम सबसे उपर आता है। सर्वे में खुलासा हुआ है की राजे ही भाजपा की और से सीएम फेस के लिए पहले नंबर पर है।

वहीं दूसरे नंबर की बात करें तो जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का नाम आता है। सर्वे में लोगों ने दूसरे नंबर पर सीएम फेस के लिए गजेंद्र सिंह को पसंद किया है। इसके बाद तीसरे नंबर पर लोगों ने सतीश पूनिया को रखा है। पूनिया भी सीएम फेस पर तीसरे नंबर पर आते है।

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राजस्थान में गहलोत और पायलट के झगड़े का पटाक्षेप भले ही मीडिया की नजरों में आलाकमान ने कर दिया हो लेकिन दोनों के मनों का मिलना मुश्किल है। यह बात तो साफ है की आलाकमान के डर से भले ही ये पायलट और गहलोत अपने आपको एक दिखाने की कोशिश करे लेकिन ये संभव है नहीं। दिल्ली दरबार में बैठकों के बाद यह कह दिया गया है की दोनों ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है।

लेकिन इस बैठक के पहले ही गहलोत ने एक और बयान देकर पायलट की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंन पायलट का नाम नहीं लिया लेकिन इशारों को कौन नहीं समझता है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा किसी कार्यकर्ता की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह कहे यह पद लूंगा। यह नहीं लूंगा। गहलोत ने कहा- ऐसे फॉर्मूले मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुने। कोई नेता मांगे कि यह चीज मुझे मिल जाए या हाईकमान उसे ऑफर करें कि आप कौन सा पद लोगे? ऐसा रिवाज मैंने कभी कांग्रेस में नहीं देखा।

आपको बता दे की दिल्ली में पायलट और गहलोत के बीच होने वाली बैठक से पहले उन्होंने ये सारी बाते कही उन्होंने साथ में ये भी कहा की कांग्रेस में ऐसी स्थिति नहीं आई है कि आप किसी को मनाने के लिए पद ऑफर करो। गहलोत ने कहा- हाईकमान और कांग्रेस पार्टी आज भी इतना मजबूत है कि ऐसी स्थिति नहीं आई है। कांग्रेस बहुत मजबूत संगठन है। जानकारी के लिए बता दे की बीच में ये चर्चाए तेज हो गई थी की पायलट को राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है जिसके बाद वो सभी चीजे मान सकते है। इसी पर गहलोत ने ये बात कही है।

PC- bbc

। राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस आलाकमान पायलट और सीएम अशोक गहलोत को झगड़ा सुलझाने में लगे है और माना भी जा रहा है की दोनों के बीच झगड़ा सुलझ भी गया है। लेकिन किन शर्तों को लेकर सहमति बनी है ये अभी भी साफ नहीं हो पाया है।

देर रात तक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के घर चली बैठकों के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगापोल ने दोनों नेताओं को मीडिया के सामने लाकर एकजुटता से साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट की माने तो चार घंटे चली बैठकों के दौर के बाद राजस्थान कांग्रेस के झगड़े को सुलझाने पर सहमति बन गई है।

हालांकि अभी तक पायलट की तीन मांगों और उनकी राजस्थान में सियासी भूमिका को लेकर कोई फार्मूला सार्वजनिक नहीं किया गया है। मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा दोनों ने फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। राजस्थान में कांग्रेस मजबूत है।

pc- jagran.com

इस साल में देश के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल है। इसकों लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही तैयारी शुरू कर दी है। इधर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी दावा किया है की इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 150 सीटे मिलेगी।

जानकारी के अनुसार राहुल गांधी के दावे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम उनकी बात से सहमत हैं। हमारी पार्टी मध्य प्रदेश में 150 सीटे जीतने जा रही है। वहीं अस बयान के बाद मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि मन को बहलाने को बाबा का ख्याल अच्छा है।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक की थी। राहुल गांधी ने कहा कि बैठक में हमारी लंबी चर्चा चली। हमारा आंतरिक आकलन है कि हमें कर्नाटक में 136 सीटें मिली हैं। मध्यप्रदेश में 150 सीटें मिलने वाली हैं।

pc- india tv hindi

बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के एक सप्ताह बाद शनिवार को 24 विधायकों को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

कर्नाटक सरकार में 34 मंत्री हो सकते हैं। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार सहित 10 मंत्रियों को 20 मई को शपथ दिलाई गई थी।मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर होगा।समारोह का गवाह बनने के लिए भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए राजभवन और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, वरिष्ठ विधायक एच के पाटिल, कृष्ण बायरेगौड़ा, एन चेलुवरायस्वामी, के वेंकटेश, डॉ. एच सी महादेवप्पा, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव उन विधायकों में शामिल हैं, जो शनिवार को मंत्री पद की शपथ लेंगे।

उन्होंने बताया कि के एन राजन्ना, शरणबसप्पा दर्शनपुर, शिवानंद पाटिल, रामप्पा बलप्पा तिम्मापुर, एस एस मल्लिकार्जुन, शिवराज संगप्पा तंगदागी, डॉ. शरण प्रकाश रुद्रप्पा पाटिल, मंकल वैद्य, लक्ष्मी हेब्बलकर, रहीम खान, डी सुधाकर, संतोष लाड, एन एस बोसेराजू, सुरेश बी एस, पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा के बेटे मधु बंगारप्पा, डॉ. एम सी सुधाकर और बी नागेंद्र को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, लक्ष्मी हेब्बलकर, मधु बंगारप्पा, डी सुधाकर, चेलुवरायस्वामी, मंकुल वैद्य और एम सी सुधाकर को शिवकुमार का करीबी माना जाता है। कांग्रेस द्वारा जारी मंत्रियों की सूची में छह लिंगायत और चार वोक्कलिगा विधायकों के नाम हैं। वहीं, तीन विधायक अनुसूचित जाति, दो अनुसूचित जनजाति और पांच अन्य पिछड़ा वर्ग (कुरुबा, राजू, मराठा, एडिगा और मोगावीरा) से ताल्लुक रखते हैं।

दिनेश गुंडु राव के रूप में ब्राह्मणों को भी कर्नाटक मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हासिल हुआ है।पुराना मैसूर और कल्याण कर्नाटक क्षेत्र से सात-सात विधायक, कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र से छह और मध्य कर्नाटक से दो विधायक मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।शुक्रवार रात जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने वरिष्ठ और कनिष्ठ विधायकों को उचित सम्मान देने के साथ-साथ जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखकर मंत्रिमंडल में संतुलन कायम किया है।

बयान में यह भी कहा गया है कि कैबिनेट में आठ लिंगायत होंगे। इनमें समुदाय के विभिन्न उप-संप्रदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।बयान में कहा गया है कि कैबिनेट में शिवकुमार सहित पांच वोक्कालिगा होंगे।कैबिनेट में अनुसूचित जाति के नौ मंत्री होंगे।हालांकि, कर्नाटक में मंत्रियों को अब तक विभागों का आवंटन नहीं किया गया है। मंत्री के एच मुनियप्पा ने कहा कि मंत्रियों के विभागों की घोषणा शनिवार शाम तक की जा सकती है।

सिद्दरमैया और शिवकुमार पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में थे और उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार पर पार्टी नेतृत्व से कई दौर की चर्चा की।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला सहित शीर्ष केंद्रीय नेताओं के साथ सिद्दरमैया और शिवकुमार की घंटों लंबी बातचीत के बाद 24 मंत्रियों के नाम तय किए गए।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने मंत्रियों की सूची पर अंतिम मुहर लगाई।

इससे पहले कर्नाटक के दोनों नेताओं सिद्धरमैया और शिवकुमार ने राज्य में सरकार बनने के बाद पहली बार सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।सूत्रों ने बताया कि संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मतभेद उभरे थे, लेकिन चर्चा के दौरान इन्हें सुलझा लिया गया।इस बीच, कांग्रेस के कई नेता नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से बेंगलुरु रवाना हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके झारखंड के समकक्ष हेमंत सोरेन भी शनिवार के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

Pc:Punjab Kesari

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि उनके मंत्रियों को विभाग जल्द ही सौंपे जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में मंत्रियों को विभाग नहीं सौंपे जाने का मुद्दा उठाया था।पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंत्रियों को विभागों के बंटवारे में देरी के संबंध में प्रश्न किया था जिसपर मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री को सदन में आश्वासन दिया कि यह काम जल्द ही होगा।

सिद्धरमैया और कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार को 20 मई को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनके साथ ही आठ विधायकों को मंत्री पद दिया गया है, लेकिन उनको अब तक विभाग अवंटित नहीं किए गए हैं।मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने मंत्रिमंडल का परिचय कराया। इस पर बोम्मई ने कहा, ;;खुशी हुई कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों का सदन में परिचय कराया।

ये सभी अतीत में मंत्री के तौर पर कार्य कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तथा सभी मंत्रियों को बधाई… लेकिन अच्छा होता कि मुख्यमंत्री ने ऐसे परिचय कराया होता कि .. डी के शिवकुमार, ये इस विभाग के मंत्री है, जी परमेश्वर, ये इस विभाग के मंत्री हैं।बोम्मई ने कहा, ;; ऐसा क्यों नहीं हुआ? यह जल्द किया जाना चाहिए। मेरे विचार से यह जितनी जल्दी हो, उतना ही अच्छा।

इस पर सिद्धरमैया ने उन्हें आश्वासन दिया कि यह जल्द किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने कुछ वक्त तक मंत्रिमंडल के इकलौते सदस्य के तौर पर काम किया था।बोम्मई ने कहा,;; येदियुरप्पा को अकेले शपथ दिलाई गई थी इसलिए वह अकेले थे । लेकिन इस मामले में मंत्रियों ने शपथ ली है। आपने उन्हें मंत्री बनाया लेकिन जिम्मेदारियां नहीं सौंपीं, लोग क्या सोचेंगे।

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को अजमेर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।

पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष सीपी जोशी ने संवाददाताओं को बताया क‍ि केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार के ऐतिहासिक कार्यकाल के नौ साल पूरे हो रहे हैं। उसके मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की विशाल जनसभा 31 मई को अजमेर में होगी।

इस जनसभा की तैयारियों का जिम्‍मा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को द‍िया गया है।उल्‍लेखनीय है कि राजस्‍थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और 10 मई को मोदी ने आबू रोड (सिरोही) में एक जनसभा को संबोधित किया था।

इंटरेनट डेस्क। लोकसभा चुनाव 2024 में होने है और इसकों लेकर विपक्षी पार्टियों की तैयारियां शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार इस बार मोदी सरकार को रोकने के लिए विपक्षी पार्टिया एकजुट हो रही है। इसी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

नीतीश कुमार ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर उनके साथ मुलाकात की। इस अहम बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे।

जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव खराब तबीयत की वजह से बैठक में शामिल नहीं हो पाए। बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल और ललन सिंह ने कहा कि हमारी बैठक में विपक्षी एकता के बारे में जो सहमति बनी हुई थी, उसपर विस्तार से चर्चा हुई है। विपक्षी एकता के लिए सभी दलों की एक बैठक होगी, जिसके लिए जगह, समय और तिथी अगले 2-3 दिन में तय हो जाएगी।

Bihar’s Chief Minister Nitish Kumar has criss-crossed the country over the past month. His long tour has taken him from Delhi to West Bengal and from Uttar Pradesh to Maharashtra, travelling with one goal: to persuade key Opposition leaders to unite against the ruling Bharatiya Janata Party for next year’s Lok Sabha polls.

The strategy behind Opposition unity is to field one joint Opposition candidate against that of the BJP-led National Democratic Alliance in as many Lok Sabha constituencies as possible. In theory, this is meant to consolidate the anti-BJP votes in those seats. Kumar’s recent meetings seem to have have yielded a more favourable response from Opposition leaders than previous similar attempts.

This initiative by Kumar, observers say, is meant to position him for a greater role at the Centre. These meetings put him ahead in that race among ambitious Opposition leaders. The reason Kumar has been able to take this lead is because other Opposition leaders remain tied down in their states and do not have his strong credentials, observers suggest.

However, others remain sceptical not only about what Kumar can achieve but also about the broader strategy of unifying the Opposition.

Kumar’s tour

To unite the Opposition, Kumar and his ally, Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav, had first met Congress…

The Congress on Monday said that a “vast majority” of Opposition parties will soon meet to decide their strategy for the 2024 Lok Sabha elections.

The announcement came after Bihar Chief Minister Nitish Kumar met with Congress chief Mallikarjun Kharge and party leader Rahul Gandhi in Delhi.

“We had a detailed discussion about the opposition parties’ meeting,” Congress General Secretary KC Venugopal told reporters. “In one to two days, a final decision will be made about the date and venue of the meeting. Vast majority of parties will attend.”

Following his meeting with the Janata Dal (United) leader, Kharge said that their aim was to strengthen democracy.

“The country will be united now,” Kharge said in a tweet. “The strength of democracy is our message.”

Kumar, along with Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav, had…

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इंटरनेट डेस्क। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने और सीएम का नाम तय होने के बाद आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धरमैया सीएम पद की शपथ लेंगे। उनके साथ ही डीके शिवकुमार भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले शुक्रवार को दोनों नेता दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस के सभी नेताआ को शपथ ग्रहण समारोह में आने का निमंत्रण दिया।

जानकारी तो यह भी मिल रही है की दोनों नेता केबिनेट में किसको शामिल करना है और किसे नहीं इस पर चर्चा करके गए है। जिसके बाद आज दोनों नेताओं की शपथ के साथ ही कैबिनेट में शामिल होने वाले कुछ विधायको को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 13 मई को आए थे। इसमें कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, भाजपा ने 66 और जेडीएस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं दिल्ली में लंबे मंथन के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई है।

pc- navjivan

इंटरेनट डेस्क। कर्नाटक में पिछले चार दिनों से कांग्रेस में सीएम पद को लेकर चल रही खींचतान आखिरकार देर रात को समाप्त हो गई। कई बैठकों और समझाईश के बाद तय हो गया की सिद्धारमैया की कर्नाटक के सीएम होंगे। साथ ही डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम होंगे। दोनों मिलकर अब प्रदेश को चलाएंगे।

मीडिया रिपोटर्स की माने तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लंबी चर्चा के बाद कर्नाटक में सरकार के गठन के लिए आम सहमति बनी। शपथ ग्रहण समारोह शनिवार यानी 20 मई को बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा। सिद्धारमैया के नाम पर औपचारिक मुहर लगाने के लिए आज शाम सात बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।

इसके बाद कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इससे पहले सिद्धारमैया और शिवकुमार ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में अलग-अलग मुलाकात की। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी को 66 सीटे मिली है तो जेडीएस 19 सीटों पर सिमट गई है।

pc- aaj tak

Last week, Kausar Abbas was elected chairperson of the Nagar Panchayat of Sirsi, a small town of around 30,000 people in Uttar Pradesh’s Sambhal district.

Abbas was one of the nearly 15,000 people to have won the state’s urban body elections held earlier this month. Yet, his name features in several news reports detailing the results.

The reason for his prominence: he is one of the 61 Muslim candidates to have won on a Bharatiya Janata Party ticket, and one of the five to have secured the position of chairperson.

The results have made the BJP, which has come to power promoting Hindu supremacism, proclaim that it now has the support of a large section of the state’s Muslims.

Abbas, though, seemed to be less enthusiastic about his ties with the BJP. During a phone interview with Scroll, he said he had “formally” joined the saffron party only very recently – the day he filed his nomination papers to contest the election.

He said he used to be in the Samajwadi Party till about seven years ago, but in recent years had “started doing social work”.

Given his “track record of helping everyone in need”, Abbas said the BJP platform was no hindrance – even though around 80%…

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इंटरनेट डेस्क। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव और उसके परिणाम दोनों इस बार कांग्रेस के पक्ष में आए है और उसके साथ ही वहां अब सरकार बनने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान चार दिन से यह तय नहीं कर पा रहा है की मुख्यमंत्री किसे बनाया जाया। ऐसे में उम्मीद है की आज बेंगलुरू में सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है।

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही सीएम पद की रेस में बने हुए है, और दोनो ही आलाकमान की पसंद भी है। ऐसे में अब यह तय नहीं हो पा रहा है की किसको सीएम बनाया जाए। वहीं डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी-अपनी दावेदारी से पीछे नहीं हटना चाहते है।

ऐसे में संभावना है कि आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले बेंगलुरू में विधायक दल की बैठक होगी और उसके बाद कर्नाटक के सीएम के नाम की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वहीं अगर कोई फैसला नहीं हो पाता है तो आलाकमान किसी ऐसे नेता का नाम आगे बढ़ा सकती है जिसका कोई भी विरोध नहीं कर सकें।
pc- india.com

इंटरनेट डेस्क। कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए आज फैसले का दिन है और उसके साथ ही आज यह तय हो जाएगा की यहा किसकी सरकार बनेगी। भाजपा एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब होगी या फिर कांग्रसे यहा कब्जा करेगी। वैसे जेडीएस का एक बार फिर से गेमचेंजर साबित हो सकती है।

10 मई को 224 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। जिसके बाद आज नतीजे जारी होंगे। मतों की गिनती का काम शुरू हो चुका है। दोपहर तक पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। वैसे एग्जिट पोल की माने तो यहां कांग्रसे सरकार बना रही है। भाजपा यहा बहुमत से दूर है।

मतगणना राज्यभर के 36 केंद्रों में पर शुरू हो चुकी है। राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को चुनाव में 73.19 प्रतिशत का रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया था।

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